Thursday, September 18, 2014

सबूत

क़दम क़दम पर
वे मांगते रहे सबूत
हम देते चले आये

मुसलमान होने पर 
अपनी देशभक्ति का सबूत
औरत होने पर 
अपने सतीत्व का सबूत
हरिजन होने पर
अपनी मेधा का सबूत
बलत्कृत होने पर 
चरित्र की श्रेष्ठता का सबूत
नौकरी करने पर निष्ठा का सबूत
तरक़्क़ी के लिए
योग्यता का सबूत
हर राष्ट्रीय आपदा में
त्याग और साहस का सबूत

हमने मांगा उनसे सिर्फ़
मनुष्यता का सबूत

उन्होंने दिया यह हमें
फांसी के तख़्ते पर ले जा कर

No comments:

Post a Comment