Monday, December 20, 2010

कई दिनों के नागे के बाद

कई दिनों के नागे के बाद एक बार फिर आप से मुख़ातिब हूं. सिर्फ़ इतना सूचित करने के लिए कि बहुत जल्द - शायद एक-दो दिन में मैं विश्व के कुछ जाने-माने कवियों की रचनाएं पेश करूंगा. और यह क्रम बराबर चलता रहेगा. रोज़ एक या दो कविताएं आपकी नज़र होंगी. उम्मीद है कि आप सब उन्हें पढ़ेंगे और वे आप को पसन्द आएंगी. इन कवियों में निकानोर पार्रा, पाब्लो नेरूदा, बर्टोल्ट ब्रेख़्ट, जीवनानन्द दास, सुकान्त भट्टाचार्य, तादेयूश रोज़ेविच, वाल्ट ह्विट्मैन, अतिया जोज़ेफ़, एज़रा पाउण्ड, ली पो और ऐसे ही अनेक कवि होंगे. और यह कहने की बात नहीं कि ये अनुवाद मेरी वर्षों की मेहनत का नतीजा हैं. अपनी प्रतिक्रिया ज़रूर दीजिएगा

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