tag:blogger.com,1999:blog-5209606789739464712.post7748961603487398379..comments2023-04-08T01:46:11.427-07:00Comments on नीलाभ का मोर्चा neelabh ka morcha: क्रांति और भ्रान्ति -- सितम के जहान और भी हैं...Neelabh Ka Morchahttp://www.blogger.com/profile/13893924488634756970noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-5209606789739464712.post-92193968088306132822010-09-18T06:17:22.072-07:002010-09-18T06:17:22.072-07:00मुझे यह कहने में कोई हिचक नहीं है कि अगर मृणाल की ...मुझे यह कहने में कोई हिचक नहीं है कि अगर मृणाल की मुहिम से एक भी अर्चना की जान बचती है, और सिर्फ़ जान ही नहीं बचती, बल्कि वह अपने बल पर जीवन जीने में समर्थ भी होती है तो मैं मृणाल के प्रयत्नों का स्वागत करूंगा <br />उत्साह वर्धन के लिए ये लाईने काफी हैं सार सार को गहि रहे थोथा देई उडायRaqimhttps://www.blogger.com/profile/17437813938793932112noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-5209606789739464712.post-36910475582963927632010-09-15T11:18:02.194-07:002010-09-15T11:18:02.194-07:00मुक्तिबोध की अंधेरे में कविता का बूढ़ा गिद्ध याद आ...मुक्तिबोध की अंधेरे में कविता का बूढ़ा गिद्ध याद आ रहा। आपको आज याद आया मृणाल के पुराने पोस्ट पर कमेंट करने का? आप जैसे वयोवृद्ध लेखक को नवोदित पत्रकार को हतोत्साहित करने का हक है। अरे गौर से पढ़ा होता तो उसने जनसत्ता वाले लेख में मार्क्स और एंगल्स के परिवार और विवाह पर लिखे को कोट किया है। मगर आप जैसे वयोवृद्ध का उत्साह नवोदित को हतोत्साहित करने का था। आपको शायद पता न चले पर ऐसे काम से होता यही है कि आप जैसे लोगों पर जो नवोदितों की अपेक्षा होती है वह उपेक्षा में बदल जाती है और उसका कारण होता है आप जैसों का छद्म चरित्र। आप तो जसम से हैं। मुझे जितनी जानकारी है वह माओवाद से संबंधित नहीं है। बल्कि राजनीतिक तौर पर अलग लाइन है उसकी। खैर आप अपने विवेक को खो चुके हैं । फिर क्या फर्क कुछ भी लिखो।Rajeev kunwarhttps://www.blogger.com/profile/17267899123514077166noreply@blogger.com